कर्णपीड़ासन – विधि -लाभ

कर्णपीड़ासन :- इस आसन को करने से कान में पीड़ा होती है इसीलिए इसे कर्णपीड़ासन कहते है Steps पीठ के बल धरती पर लेट जाइए। अपने दोनों पैरों को उठायें और पीछेे की ओर इतना ले जाएँ की दोनों घुटने कानों को छुएं। इस स्थिति में स्थिर रहें। Benefits इस आसन के निरंतर अभ्यास से मस्तिष्क, […]

शवासन – विधि – लाभ

मृत शरीर जैसे निष्क्रिय होता है उसी प्रकार इस आसन में शरीर निष्क्रिय मुद्रा में होता है अत: इसे शवासन कहा जाता है. इस आसन का अभ्यास कोई भी कर सकता है. यह शरीर को रिलैक्स प्रदान करने वाला योग है. Steps  पीठ के बल लेट जाएं. इस अवस्था में पैर ज़मीन पर बिल्कुल सीधे […]

वृक्षासन – विधि – लाभ

वृक्षासन का अर्थ है वृक्ष के समान मुद्रा. इस आसन को खड़े होकर किया जाता है. नटराज आसन के समान यह आसन भी शारीरिक संतुलन के लिए बहुत ही लाभप्रद है Steps सीधा तनकर खड़े हो जाइये. शरीर का भार बाएं पैर पर डालिए और दांए पैर को मोड़ियो.  दाएं पैर के तलवे को घुटनों […]

नटराज आसन – विधि – लाभ

नटराज भगवान शंकर को कहा गया है.भगवान शंकर का नर्तक रूप ही नटराज है.योग की यह मुद्रा शरीरिक संतुलन के लिए बहुत ही लाभप्रद है.इस योग का अभ्यास खड़ा रहकर किया जाता है. Steps  सबसे पहले आराम की मुद्रा में खड़े हो जाएं.  शरीर का भार बाएं पैर पर स्थापित करें और दाएं घुटने को […]

त्रिकोणासन – विधि – लाभ

त्रिकोण आसन  का अभ्यास खड़ा रहकर किया जाता है.यह आसन  पार्श्व कोणासन से मिलता जुलता है.इस योग से हिप्स, पैर, टखनों, पैरों और छाती का व्यायाम होता है.यह मु्द्रा कमर के लिए भी लाभप्रद है.इस मुद्रा का अभ्यास किस प्रकार करना चाहिए.इस मुद्रा की अवस्था क्या है एवं इससे क्या लाभ मिलता है आइये इसे […]