इसमें शरीर मोर की तरह आकार लेता है, इसलिए इसे मयूरासन कहते हैं।
Steps
- जमीन पर पेट के बल लेट जाइए।
- दोनों पैरों के पंजों को आपस में मिलाइए।
- दोनों घुटनों के बीच एक हाथ का अंतर रखते हुए दोनों पैरों की एड़ियों को मिलाकर गुदा को एड़ी पर रखिए।
- फिर दोनों हाथों को घुटनों के अंदर रखिए ताकि दोनों हाथों के बीच चार अंगुल की दूरी रहे।
- दोनों कोहनियों को आपस में मिला कर नाभि पर ले जाइए।
- अब पूरे शरीर का वजन कोहनियों पर दे कर घुटनों और पैरों को जमीन से उठाये रखिए। सिर को सीधा रखिए।
Benefits:
- यह आसन चेहरे पर लाली प्रदान करता है तथा उसे सुंदर बनाता है।
- सामान्य रोगों के अलावा मयूर आसन से आंतों व अन्य अंगों को मजबूती मिलती है। मयूरासन से आमाशय और मूत्राशय के दोषों से मुक्ति मिलती है।
- यह आसन फेफड़ों के लिए बहुत उपयोगी है।
- यह आसन भुजाओं और हाथों को बलवान बनाता है।
- यह आसन शरीर में रक्त संचार को नियमित करता है।
- इस आसन का अभ्यास करने वालों को मधुमेह रोग नहीं होता। यदि यह हो भी जाए तो दूर हो जाता है।
- पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए मयूरासन करना चाहिए।
- यदि आपको पेट संबंधी समस्याएं जैसे गैस बनना, पेट में दर्द रहना, पेट साफ ना होना इत्यादि होता है तो आपको मयूरासन करना चाहिए।
- यह आसन पेट के रोगों जैसे-अफारा, पेट दर्द, कब्ज, वायु विकार और अपच को दूर करता है
Precaution
सामान्य रोगों के अलावा मयूर आसन से आंतों व अन्य अंगों को मजबूती मिलती है। मयूरासन से आमाशय और मूत्राशय के दोषों से मुक्ति मिलती है।
Please follow and like us: