अश्व संचालन आसन – विधि – लाभ

 

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अश्व संचालन योग मुद्रा दो शब्दों से मिलकर बना है.अश्व का अर्थ होता है घोड़ और संचालन का अर्थ है चलाना.इस मुद्रा में जिस प्रकार घोड़े को दौड़ाया जाता है उस मुद्रा में शरीर को रखकर योग का अभ्यास किया जाता है.इस योग का अभ्यास कैसे किया जाना चाहिए.यह हमारे लिए किस प्रकार लाभप्रद है आइये इसे देखें.

 Steps

  •  टेबल मुद्रा के समान हथेलियों और घुटनों पर शरीर को स्थापित करें.
  • बाएं पैर को आगे बढ़ाएं और दोनों हाथों के बीच पैर को लाएं.
  •  हथेलियो से ज़मीन को दबाएं.धड़ को ऊपर उठाएं.
  •  मेरूदंड को सीधा आगे की ओर खींच कर रखें.
  •  सिर और गर्दन को आगे की ओर मेरूदंड की सीध में रखें.छाती को आगे की ओर झुकाकर नहीं रखें.
  • इस मुद्रा में 30 सेकेण्ड से 1 मिनट तक बने रहें.
  • दोनों तरफ 5-6 बार इसे दुहराएं.

Benefits

  • अश्व संचालन योग से जंघाओं में स्थित तनाव दूर होता है.
  • यह मुद्रा मेरूदंड को सीधा बनाने रखने के लिए कारगर होता है
  • यह छाती और हिप्स के लिए अच्छा व्यायाम होता है.इससे श्वसन क्रिया अच्छी रहती है.
  • इस आसन के अभ्यास से जंघाओं और शरीर में लचीलापन आता है

Precaution
जब घुटनों में अथवा हिप्स में किसी प्रकार की परेशानी हो उस समय इस मद्रा का अभ्यास नहीं करना चाहिए.

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