सिद्धासन – विधि – लाभ

 

images (3)

Steps

  • ज़मीन पर बैठ कर लेफ्ट पैर की एड़ी को गुप्त  अंग के मध्य भाग में रखें।
  • दाए  पैर की एड़ी उठाइए और गुप्त अंग के ऊपर वाले भाग पर स्थिर करिए।
  • दोनों पैरों के पंजे, जांघ और पिंडली के मध्य रहें।
  • घुटने ज़मीन पर लगे रहें।
  • दोनों हाथ घुटने पर रखे रहें और दोनों हाथों की पहली उंगली (तर्जनी) एंव अँगूठा एक-दूसरे को स्पर्श करते रहें।
  • रीढ़ को सीधा रखें तथा आँखें बंद कर इसी स्थिति में बनें रहें।

Benefits

  • विधयार्थीयों के लिए यह आसन विशेष लाभकारी है।
  • जठराग्नि तेज होती है।
  • दिमाग स्थिर बनता है ,एकाग्रता तेज होती है, जिससे स्मरणशक्ति बढ़ती है।
    ध्यान के लिए उपयुक्त आसन है पाचनक्रिया नियमित होती है।
  • यह आसन ब्रह्मचर्य की रक्षा करता है।
  • कुण्डलिनी शक्ति जागृत करने के लिए यह आसन उपयुक्त है
  • ,श्वास के रोग, हृदय रोग,अजीर्ण,  दमा, आदि अनेक रोगों लाभकारी है।
Please follow and like us:
18

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *